मनीष सिसोदिया: राष्‍ट्रपति से मंजूरी लेकर CBI ने दर्ज की थी FIR

नई दिल्‍ली: केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा लिखने से पहले राष्‍ट्रपति से मंजूरी ली थी। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की इजाजत के बाद सीबीआई ने 17 अगस्‍त को FIR दर्ज की। सीबीआई दिल्‍ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है। किसी केंद्रशासित प्रदेश के विधायक की जांच करने के लिए राष्‍ट्रपति की अनुमति चाहिए होती है। एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने सिसोदिया और बाकी आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी कर दिया है। यानी अब इस मामले के सभी आरोपी देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे। सिसोदिया ने LOC जारी होने के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर ट्विटर के जरिए हमला किया। दिल्‍ली के मंत्री ने लिखा, ‘मैं खुलेआम दिल्‍ली में घूम रहा हूं। बताइए कहां आना है? आपको मैं मिल नहीं रहा?’ सिसोदिया ने सीबीआई की छापेमारी से जुड़ा मोदी का एक पुराना बयान भी शेयर किया है।

17A: जिसकी वजह से सीबीआई को लेनी पड़ी राष्‍ट्रपति से इजाजत
दिल्‍ली के उप राज्‍यपाल वीके सक्‍सेना ने कथित घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई को आबकारी विभाग देख रहे सिसोदिया की जांच करने के लिए राष्‍ट्रपति की मंजूरी चाहिए थी। प्रिवेंशन ऑफ करप्‍शन ऐक्‍ट की धारा 17ए के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेशों के विधायकों की जांच के लिए राष्‍ट्रपति का अनुमोदन जरूरी है। आबकारी विभाग के अधिकारियों पर जांच की मंजूरी उप राज्‍यपाल देते हैं। हिंदुस्‍तान टाइम्‍स ने CBI के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट किया कि राष्‍ट्रपति कार्यालय से 17A के तहत मंजूरी मिलने के बाद, 17 अगस्‍त को सिसोदिया के खिलाफ FIR दर्ज की। एफआईआर के ठीक बाद सभी 13 नामित आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिए गए। अब इमिग्रेशन अथॉरिटीज अलर्ट हो गई हैं और इनमें से कोई विदेश यात्रा नहीं कर पाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *