यस बैंक के एमडी बोले ‘एनपीए से बचने के लिए कॉरपोरेट की जगह रिटेल लोन पर जोर’

दो वर्षों तक रिकंस्ट्रक्शन योजना में रहने के बाद अब यस बैंक के नए बोर्ड का गठन हो गया है। बैंक को लगभग 9,000 करोड़ का पीई निवेश भी मिलने जा रहा है। अब बैंक का पूरा ध्यान बिजनेस बढ़ाने और उपभोक्ताओं को सेवाएं मुहैया करने पर है। यस बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने दैनिक भास्कर के अजय तिवारी के साथ बातचीत में कहा कि बैंक फिलहाल रिटेल लोन पर ज्यादा फोकस कर रहा है और डूबने वाले कर्ज से बचने के लिए कॉरपोरेट लोन पर कम जोर देगा। पेश है बातचीत के मुख्य अंश-

दो साल रिकंस्ट्रक्शन योजना में रहने के बाद बैंक की मौजूदा क्या स्थिति है?
इतने बड़े बैंक को रिकंस्ट्रक्शन स्कीम से बाहर निकलना एक उपलब्धि है। डिपॉजिट और कर्ज संबंधी जो समस्याएं थीं वो भी हल कर ली गई हैं। बैंक अब तरक्की की राह पर है।

दो बड़े प्राइवेट इक्विटी निवेशक पैसा लगा रहे हैं। इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे?
इसका इस्तेमाल हम बिजनेस बढ़ाने में करेंगे। दुनिया के बड़े पीई इक्विटी निवेशक के 9,000 करोड़ रुपए निवेश करने का अर्थ है कि वे आश्वस्त हैं कि बैंक का भविष्य उज्जवल है।

ग्रोथ के लिए क्या रणनीति है?
इस साल हमने 15% लोन ग्रोथ का लक्ष्य रखा है। पहली तिमाही में ही 14% ग्रोथ हो चुकी है। इसके अलावा हर महीने 1 लाख नए कस्टमर बैंक के साथ जोड़ने का लक्ष्य है।

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