डॉक्‍टर्स की चेतावनी- हो सकता है तगड़ा फीवर और शॉक सिंड्रोम

मानसून ग्रीष्मकाल से बहुत राहत देता है, लेकिन इसके साथ मच्छर जनित रोग (mosquitoes borne disease) भी होते हैं, जो ठहरे हुए पानी में पनपते हैं जो कई तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं। मानसूनी बीमारियां बारिश के मौसम के खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक मरीजों को अपनी चपेट में लेती हैं। नमी के बीच देश के विभिन्न हिस्सों से डेंगू, एन्सेफलाइटिस, मलेरिया, टाइफाइड और अन्य मच्छर जनित बीमारियों के हजारों मामले सामने आते हैं। इस साल अकेले उत्तर प्रदेश में दर्जनों लोगों की मौत की वजह डेंगू बना है। इस साल डेंगू वायरस (DENV) बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा है।

डॉक्टर्स का कहना है कि डेंगू d2 के स्ट्रेन के कारण देश के कुछ हिस्सों में इसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है। यूपी, हरियाणा सहित देश के 11 से अधिक राज्यों में डेंगू का एक नया रूप देखा गया है जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। वैसे तो मानसून के बाद डेंगू का प्रकोप नियंत्रण में है, लेकिन देश भर के कई शहरों में डेंगू DENV 2 के नए स्ट्रेन के कारण तेज बुखार के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में हम सभी को इससे बचने के लिए एहतियात बरतने होंगे।

डेंगू वायरस के कई वेरियंट्स में – DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4, DENV 2 या स्ट्रेन D2 को सबसे गंभीर बताया जा है। इनकी चपेट में आने वाले मरीज को इंटरनल ब्लीडिंग और शॉक भी आ सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Director-General, Indian Council of Medical Research) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने मीडिया को बताया कि डेंगू का नया स्ट्रेन बहुत ही विषैला है जो लोगों की मौत की वजह बन रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी के फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा और अलीगढ़ जिलों में रहस्यमयी बुखार के कारण पिछले महीने कई लोगों की मौत हुई थी।

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