वैश्विक दक्षिण के देशों को उनके हाल पर छोड़ देना ठीक नहीं: हरीश
जेनेवा। भारत ने यूक्रेन संघर्ष के परिणामों, जिनमें ईंधन की कीमतें भी शामिल हैं, पर खेद जताते हुए कहा कि वैश्विक दक्षिण के देशों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है। साथ ही भारत ने इस बात पर जोर दिया कि कूटनीतिक प्रयासों से युद्ध खत्म होने और स्थायी शांति स्थापित होने की संभावना है। भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है। पर्वतनेनी हरीश ने गुरुवार को कहा था कि हमारा मानना है कि निर्दोष लोगों की जान जाना अस्वीकार्य है और युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। भारत ने यूक्रेन संघर्ष के ‘परोक्ष प्रभावों’ खासतौर पर ईंधन की कीमतों पर चिंता व्यक्त की और कहा है कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति विषय पर आयोजित चर्चा में हरीश ने कहा कि भारत को इस बात की चिंता है कि संघर्ष के परिणामस्वरूप ईंधन की कीमतें और अन्य चीजें पूरे विश्व को प्रभावित कर रहे हैं, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों को, जिन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। हमारा मानना है कि उनकी आवाज सुनी जाए और उनकी वैध चिंताओं का समुचित समाधान किया जाए।
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित है। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि स्थायी शांति के लिए सभी हितधारकों की पूर्ण भागीदारी और प्रतिबद्धता अहम है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने पिछले महीने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बी