पाकिस्तान में ईशनिंदा कानूनों के चलते सताए जा रहे ईसाई, झेल रहे प्रताड़ना
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों के तहत वहां रह रहे क्रिश्चियन को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान में कुल आबादी का केवल 1.8 फीसदी ही क्रिश्चियन हैं। फिर भी ईशनिंदा के करीब एक-चौथाई आरोप उन पर लगे हैं। ईशनिंदा कानूनों में मौत की सजा का प्रावधान है। जून 2024 में 73 साल के पाकिस्तानी ईसाई लज़ार को कुरआन जलाने के आरोपों में बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया था। वर्ल्ड वॉच सूची के मुताबिक पाकिस्तान में लड़कियां और महिलाएं अपहरण, जबरन विवाह, यौन हिंसा और धर्मांतरण का शिकार हो रही हैं। 2023 में जरानवाला में ईसाई घरों और इमारतों पर हुए हमलों से डर का माहौल बढ़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की संस्कृति में परिवार के किसी सदस्य का इस्लाम छोड़ना शर्मनाक माना