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UPI सेवा का भविष्य क्या होगा? गवर्नर के बयान से हटे संदेह

व्यापार : क्या यूपीआई सेवा हमेशा मुफ्त बनी रहेगी? बुधवार को एमपीसी के फैसलों के एलान के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरबीआई के गवर्नर ने इस पर भी टिप्पणी की। उन्होंने आशंका जताई कि यूपीआई हमेशा के लिए मुफ्त नहीं रह सकती, क्योंकि किसी न किसी को तो समय के साथ डिजिटल पेंमेंट सिस्टम को चलाने का खर्च उठाना पड़ेगा।

किसी न किसी को उठाना पड़ेगा यूपीआई के संचालन का खर्च

एमपीसी के फैसलों के एलान के बाद आरबीआई गवर्नर ने साफ किया, “मैंने कभी नहीं कहा कि यूपीआई हमेशा मुफ्त रहेगा। मैंने केवल इतना कहा था कि इसके संचालन से जुड़े खर्च हैं, और किसी न किसी को तो इस खर्च को उठाना पड़ेगा। भुगतान कौन करेगा यह महत्वपूर्ण है, पर भुगतान कौन कर रहा है, इससे ज्यादा महत्पूर्ण नहीं है। इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि इस मॉडल की स्थिरता के लिए कोई सामुहिक रूप से या व्यक्तिगत रूप से इसके संचालन का भुगतान करे।” मल्होत्रा का यह बयान ऐसे समय पर समाने आया है जब यूपीआई इकोसिस्टम पर चार्ज लगने से जुड़ी कुछ रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं।

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