जब खेल भावना ने दर्द को हराया: मार्शल से लेकर कुंबले तक की प्रेरणादायक कहानियाँ

नई दिल्ली : ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में भारतीय ड्रेसिंग रूम की बाहरी सीढ़ियों से सावधानी से उतरते हुए विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत किसी चोटिल ‘ग्लेडिएटर’ से कम नहीं लग रहे थे। मैदान में मौजूद ज्यादातर दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। भारतीय क्रिकेट की लोककथाओं में अनिल कुंबले का टूटे जबड़े में पट्टी बंधे होने के बावजूद वेस्टइंडीज के खिलाफ 2002 में गेंदबाजी करना दर्ज है और ओल्ड ट्रैफर्ड में दूसरे दिन सुबह पैर में फ्रैक्चर के बावजूद पंत का लड़खड़ाते हुए बल्लेबाजी के लिए उतरना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में साहस के यादगार पलों में आसानी से शामिल हो सकता है।

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