चीन को ढूंढे नहीं मिल रहे अच्छे सैनिक, स्कूलों और कॉलेजों में पीट रहा ढिंढोरा

बीजिंग: फरवरी 2023 में चीनी नौसेना ने एक असमान्य मिशन चलाया। उसके युद्धपोत और विमान दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना का सामना कर रहे थे। चीनी सेना भी ताइवान के आसपास अपने अभियान को तेज कर रही थ। लेकिन, उस वक्त पीएलए नेवल कमांड का लक्ष्य ताइवान नहीं, बल्कि बीजिंग में सिंघुआ विश्वविद्यालय का हरा-भरा परिसर था। यह पहली बार था, जब चीनी नौसेना सिंघुआ और देश के दूसरे प्रमुख विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएट छात्रों के बीच अपने विमानवाहक पोत के लिए फाइटर पायलट की तलाश कर रही थी। चीनी नौसेना ने कहा था कि आवेदकों को अविवाहित और साइंस, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट होने के साथ 24 वर्ष से कम उम्र का होना चाहिए।

चीन में योग्य सैनिकों का अकाल पड़ा हुआ है। उसे अपनी नौसेना के लिए योग्य फाइटर पायलट नहीं मिल पा रहे हैं। इस कारण चीनी नौसेना को विश्वविद्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। चीनी नौसेना ने पायलटों के लिए आयु सीमा को भी 24 साल से बढ़ाकर 26 साल कर दिया है।

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