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सिंधिया ने जो अब किया, गोविंद नारायण ने 1967 में किया था

मध्यप्रदेश के राजनीतिक इतिहास पर ताजा दृष्टि डालने वालों के जेहन में वर्ष 2020 का ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़े उलटफेर वाला कदम अंकित होगा, जब उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर उसकी सरकार उखाड़ फेंकने का काम किया। सिंधिया और उनके समर्थक 22 विधायकों के भाजपा में चले जाने से पंद्रह साल बाद सरकार बनाने वाली कांग्रेस की सत्ता दो साल से पहले ही छिन गई। ठीक इसी तरह या इससे मिलता जुलता कदम कांग्रेस के खिलाफ कांग्रेस के ही तत्कालीन विधायक गोविंद नारायण सिंह ने 1967 में बगावत का बिगुल बजाकर उठाया था।

इस बगावत की परिणति संविद सरकार के रूप में सामने आई, जिसमें गोविंद नारायण सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सुशोभित हुए। गोविंद नारायण सिंह के नेतृत्व में बनी संविद सरकार उस समय ही नहीं सर्वकालीन सबसे अधिक चर्चा में रही सरकारों में शुमार है। अब भी उस घटनाक्रम को राजनीतिक उलटफेर का बड़ा उदाहरण माना जाता है।

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