मोगा से अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही खत्म हुआ ‘चूहे-बिल्ली’ का खेल
चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही एक महीने से अधिक समय से जारी ‘चूहे-बिल्ली का खेल’ खत्म हो गया। पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव से पकड़ा। यहीं पर उसे पिछले साल सितंबर में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख बनाया गया था। अमृतपाल 18 मार्च से पंजाब पुलिस को चकमा दे रहा था और उसे पकड़ने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में तलाशी अभियान चलाया गया।
अमृतपाल एक महीने से अधिक समय तक गिरफ्तारी से बचता रहा, जिसके चलते पंजाब पुलिस की काफी किरकरी हो रही थी। पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल को रविवार सुबह रोडे से गिरफ्तार कर लिया गया, जब पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया, जिससे उसके बचने का कोई रास्ता नहीं बचा।