NSO का फर्स्ट एडवांस एस्टिमेट:वित्त वर्ष-23 में भारत की GDP 7% बढ़ने की उम्मीद

भारत की इकोनॉमी के 31 मार्च 2023 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इस बात की जानकारी शुक्रवार (6 जनवरी) को नेशनल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस ने दी है। 2022-23 के लिए नेशनल इनकम का यह पहला एडवांस एस्टिमेट बेहद जरूरी है। क्योंकि, इस डेटा का यूज 2023-24 के अगले वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार के बजट को तैयार करने में किया जाता है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण आएगी गिरावट
NSO ने कहा है कि 2021-22 में 8.7% की तुलना में 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7% बढ़ने की उम्मीद है। यह गिरावट मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण आएगी।

ऑर्गेनाइजेशन ने कहा, ‘वर्ष 2022-23 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर रियल GDP और GDP 157.60 ट्रिलियन रुपए अनुमानित है। जबकि, 31 मई 2022 को जारी वर्ष 2021-22 के लिए GDP का प्रोविजनल एस्टीमेट 147.36 ट्रिलियन रुपए था।’

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट घटकर 1.6% रहने का अनुमान
NSO ने आगे कहा, ‘वित्त वर्ष-22 में 9.9% की ग्रोथ के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट घटकर 1.6% रहने का अनुमान है। 2022-23 के दौरान नोमिनल GDP में ग्रोथ 2021-22 में 19.5% की तुलना में 15.4% अनुमानित है।

FY23 में ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं जैसी इंडस्ट्रीज के FY22 की तुलना में अनुमानित 13.7% के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर होने की उम्मीद है।

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