लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर बेहतर रखना जरूरी

कोविड लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है। इसके साथ ही कर्ज (लोन) की भी मांग बढ़ रही है, क्योंकि कोई अपने बिजनेस और वेंचर्स को नए सिरे से शुरू करना चाह रहा है तो कोई नया स्टार्टअप ओपन कर रहा है। इसके अलावा हर किसी को अपनी छोटी-बड़ी जरूरतें पूरी करने के लिए लोन की जरूरत पड़ ही जाती है।

वहीं फाइनेंस के सेक्टर में जॉब के लिए कई कंपनियों ने केंडीडेट का अच्छा सिबिल (CIBIL) स्कोर भी जरूरी कर दिया है। ऐसे में एक अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना जरूरी होता है।

सबसे पहले समझें कि ये सिबिल है क्या?
सिबिल (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त क्रेडिट स्कोर की सूचना देने वाली कंपनियों में से एक है। इसके अलावा भारत में इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीएफआई हाईमार्क भी क्रेडिट यानी कर्ज के बारे में जानकारी देती हैं।

सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच तीन अंकों का एक नंबर है जो व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री दिखाता है। इससे पता चलता है कि बैंक या नॉन-बैंकिंग संस्थाओं के साथ व्यक्ति का लेनदेन कैसा रहा है। सिबिल स्कोर जनरेट करने के लिए कम से कम एक बार लोन लेना होता है। यह एक दिन में नहीं बनता, इसके लिए 18 से 36 महीने लगते हैं।

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