हजारों मौतें, 8 महीने का युद्ध और विरोध
मॉस्को : रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को कुछ दिनों में आठ महीने पूरे हो जाएंगे। कई झटकों और भारी नुकसान के बाद भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस लड़ाई को सही ठहरा रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने यूक्रेन के चार इलाकों को औपचारिक रूप से रूस में शामिल करने की घोषणा कर दी। लेकिन इसे पुतिन की ‘जीत’ नहीं कहा जा सकता। रिपोर्ट्स की मानें तो यूक्रेन में उनकी सेना हताशा का सामना कर रही है। जंग में रूसी जनता भी अपने राष्ट्रपति के साथ नहीं खड़ी है जिसकी तस्दीक देश छोड़कर भागते नागरिक कर रहे हैं। लिहाजा अपनी कुछ गलतियों के चलते पुतिन को यूक्रेन जंग में ‘असफलता’ का सामना करना पड़ रहा है। अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में पुतिन ने पांच गलतियां कीं जिनसे वह लगभग आठ महीने की इस जंग में फंस गए हैं।
पुतिन ने अपनी ‘पसंद’ के एक लंबे युद्ध के लिए अपनी सेना की तत्परता को आंकने में गलती की। अब रूस एक महंगे और कुछ हद तक ‘अपमानजनक’ लड़ाई में फंस गया है जिसमें उसका दुश्मन भले सैन्य रूप से कमजोर हो लेकिन उसके इरादे बेहद दृढ़ हैं। एक ओर यूक्रेनी अपनी मर्जी से अपने देश के लिए लड़ने और बलिदान के लिए तैयार हैं। दूसरी ओर रूसी सैनिक अपनी इकाइयों को छोड़कर भाग रहे हैं। पुतिन के आंशिक सैनिकों की लामबंदी के आदेश के बाद भी बड़े पैमाने पर रूसी देश छोड़कर भाग रहे हैं।