छत्तीसगढ़िया ओलंपिक – गिल्ली डंडा, लंगड़ी दौड़, कंचा…

लोक संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के बाद अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarhia Olympics news) के पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत हुई है। सीएम भूपेश बघेल ने गुरुवार को सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में इसकी शुरूआत की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, सभ्यता और विशिष्ट पहचान यहां की ग्रामीण परंपराओं और रीति रीवाजों से है। इसमें पारंपरिक खेलों का विशेष महत्व है। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के इन खेलों को लोग भूलते जा रहे थे। खेलों को चिरस्थायी रखने, आने वाली पीढ़ी से इनको अवगत कराने के लिए छत्तीसगढ़ियां ओलंपिक खेलों की शुरूआत की गई है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ये खेल मनोरंजक होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन खेलों से बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी व्यायाम आदि शारीरिक गतिविधियों से जुड़ते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खेलकूद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों से राज्य के हर गांव, हर ब्लॉक और हर जिले में स्थानीय खेलों का आयोजन होगा। सीएम ने इस मौके पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की जानकारी देने वाले ब्रोशर का भी विमोचन किया।

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