गोटाबाया राजपक्षे राष्‍ट्रपति ने पहली बार मानी गलती

 श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश में आर्थिक बर्बादी के बीच नई कैबिनेट का गठन किया है। श्रीलंका में रेकॉर्ड महंगाई और खाने पीने के सामानों की किल्‍लतों के बीच जनता सड़क पर है। पिछले 10 दिनों से श्रीलंका की जनता लाखों की तादाद में समुद्र के किनारे भारी विरोध प्रदर्शन कर रही है। इस बीच राष्‍ट्रपति गोटाबाया ने देश में खाने की गंभीर किल्‍लत पर पहली बार अपनी गलती मान ली है। उन्‍होंने कहा कि किसानों को रासायनिक उर्वरक नहीं देकर उनके प्रशासन ने बड़ी भूल की और हम पुरानी प्रणाली को फिर से शुरू करने जा रहे हैं।

गोटाबाया ने श्रीलंका को आर्थिक बदहाली से निकालने के लिए नई कैबिनेट बनाई है जिसमें 17 मंत्री शामिल हैं। इस कैबिनेट में गोटाबाया ने अपने दो भाइयों चमल और बासिल राजपक्षे तथा भतीजे नमल राजपक्षे को हटा दिया है। इससे पहले ये तीनों ही गोटाबाया सरकार में महत्‍वपूर्ण भूमिका में थे। हालांकि गोटाबाया ने अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री के पद पर बरकरार रखा है। गत 3 अप्रैल को जनता के भारी विरोध के बाद कैब‍िनेट ने इस्‍तीफा दे दिया था।

सत्‍ता में बने हुए हैं गोटाबाया और उनके भाई महिंदा राजपक्षे
श्रीलंका में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद भी गोटाबाया और उनके भाई महिंदा राजपक्षे सत्‍ता में बने हुए हैं। गोटाबाया ने पहली बार अपने प्रशासन की ‘गलतियां’ मानी। गोटाबाया ने कहा, ‘मेरा मानना है कि अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोश के पास पहले ही एक प्रोग्राम के लिए चले जाना चाहिए था। साथ ही मैं समझता हूं कि किसानों को रासायनिक उर्वरक जैसे यूरिया आदि न देना एक गलती थी। हमने पुरानी प्रथा को बहाल करने के लिए कदम उठाए हैं।’

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