होली से पहले आई खुशखबरी, फिर से खाने के तेल हुए सस्ते

नई दिल्ली: मिले जुले कारोबार के बीच दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों तेल (Mustard Oil Price) तिलहन, सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन दिल्ली तेल में गिरावट आई जबकि साधारण कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन इंदौर, सोयाबीन डीगम तेल, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुई। बाजार सूत्रों ने बताया कि मंडियों में सरसों की आवक बढ़ने से सरसों तेल (Edible Oil Price) तिलहनों के भाव में गिरावट आई। इस तेल की ज्यादा खपत उत्तर भारत के राज्यों में है जबकि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु जैसे स्थानों पर सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तेलों की अधिक खपत है। इसलिए सरकार को देश में तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर मुख्य रूप से ध्यान देना होगा।

सूत्रों ने कहा कि खाद्यतेलों के निर्यात के लिए क्राफ्ट पेपर (गत्ते) से बने पैक का अधिक इस्तेमाल होता है और इस गत्ते की कीमत पिछले लगभग एक साल में लगभग दोगुनी हो गयी है। इसके महंगा होने से खाद्य तेलों के अलावा बाकी वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं। इसलिए मौजूदा समय में इसके (गत्तों का) निर्यात पर रोक लगानी चाहिये। सरकार खाद्य तेलों का दाम कम करना चाहती है तो उसे हर उस पहलू को ध्यान देना होगा जो इन्हें महंगा बनाती हैं।

उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह निर्यात जारी रहा तो आगे चलकर इन गत्तों के दाम और भी बढ़ेंगे जिसका असर लगभग सभी चीजों पर आयेगा। सूत्रों ने कहा कि मांग घटने से बिनौला में गिरावट आई जबकि मामूली कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन इंदौर, सोयाबीन डीगम, सीपीओ और पामोलीन तेलों के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए। बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।

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