‘‘रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’’ के रूप में विकसित हो रहे छत्तीसगढ़ के गौठान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में स्थापित गौठान रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के जीवंत केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। जहां संचालित गतिविधियों से ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार मिल रहा है और उनसे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है।

मवेशियों के डे केयर सेंटर के रूप में बनाए गए गौठानों में ग्रामीणों और स्वसहायता समूहों को ग्रामीण परिवेश के अनुकूल छोटे-छोटे व्यवसायों से जोड़ा गया है। गौठान पशुपालकों, गोबर संग्राहकों और किसानों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की अपनी तरह की देश की अनूठी गोधन न्याय योजना का केंद्र बिंदु भी हैं। यहां गोबर से वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट बनाने की गतिविधियों संचालित की जा रही हैं। इसके साथ-साथ स्व-सहायता समूहों द्वारा सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन सहित गोबर से दिया, गमला और अगरबत्ती बनाने जैसी कई गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63.89 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई और इसके एवज में गोबर विक्रेताओं को 127 करोड़ 79 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। पशुपालकों, किसानों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं, डेयरी फार्म संचालकों सहित 97 हजार से अधिक भूमिहीन ग्रामीणों को कोरोना के चुनौतीपूर्ण दौर में गोबर बेचने से मिली राशि से आर्थिक संबल मिला। उन्हें घर-परिवार की छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने में आसानी हुई।

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