यूपी तय करेगा नीतीश कुमार का मूड

नौ जून 2013 के दिन गोवा अधिवेशन (BJP Goa Convention) में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav 2014) के लिए कैंपेन कमिटी का चेयरमैन बनाया गया। उधर 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में नरेंद्र मोदी को न बुलाने की शर्त जीत चुके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) उखड़े हुए थे। साफ बता दिया कि अगर मोदी प्रधानमंत्री उम्मीदवार बने तो वो भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) से अलग हो जाएंगे। उम्मीदवारी तो सितंबर में घोषित हुई । नौ जून को तो मोदी सिर्फ प्रचार समिति के प्रमुख बने थे। फिर भी नीतीश कुमार ने सात दिन बाद 16 जून को एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया। मोदी लहर में लोकसभा की प्रचंड जीत जब 2017 में उत्तर प्रदेश में दोहराई गई (Uttar Pradesh Assembly Election 2017) तो नीतीश समझ गए कि उनके पीएम मटीरियल के पार्टिकल्स बिखर चुके हैं। उधर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) लखनऊ में गद्दीनशीं हुए इधर लालू प्रसाद (Lalu Prsad Yadav) यादव के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को डिप्टी बनाकर महागठबंधन चला रहे नीतीश को लालू में फिर चारा चोर नज़र आने लगा।

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