मनरेगा समेत अन्य स्कीम्स के लिए दिए जाएंगे 12000 करोड़ रुपये एक्स्ट्रा
नई दिल्ली: केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना समेत अन्य सरकारी योजनाओं पर अतिरिक्त व्यय के लिए 12,000 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव कर रही है। ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Rural Employment Guarantee Scheme) के लिए 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में प्रस्तावित 98,000 करोड़ रुपये के ऊपर अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी।
वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अनुमान के मुताबिक, इस योजना के लिए और 8,000-9,000 करोड़ रुपये की जरूरत हो सकती है। मंत्रालय को उर्वरक सब्सिडी की दिशा में आउटफ्लो में वृद्धि होने और खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा आउटफ्लो में किए जाने की भी उम्मीद है। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि ये अतिरिक्त खर्च, कंफर्ट लेवल के अंदर हैं और इन्हें 12,000 करोड़ रुपये पर सीमित किया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर आपात निधि का भी होगा इस्तेमाल
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को बताया, ‘कुछ स्कीमों में आरई (संशोधित अनुमान) से ज्यादा की जरूरत हो सकती है। लेकिन ये जरूरतें 12,000 करोड़ रुपये से कम होंगी और जरूरत पड़ने पर हम आपात निधि (Contingency Fund) का इस्तेमाल कर सकते हैं।’ संविधान का अनुच्छेद 267 किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भारत की आपात निधि के तहत एक कोष के गठन की अनुमति देता है। पिछले केंद्रीय बजट में सरकार ने महामारी को ध्यान में रखते हुए, वित्त विधेयक 2021 के माध्यम से आपात निधि को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये कर दिया था।