मैं यहां सिर्फ ट्रॉफियों के लिए नहीं बल्कि टीम को स्टील सा मजबूत बनाने के लिए था

मुंबई
सुबह हुए काफी देर हो चुकी थी। रवि शास्त्री के पास एक के बाद एक धड़ाधड़ मेसेज आ रहे थे। उनमें से कई का उन्होंने देर रात तक जवाब दिया। लेकिन फोन पर वह काफी रिलैक्स नजर आए। पूरी तरह रिलैक्स लेकिन साथ ही संतुष्ट भी हैं। कोच पद से हटने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में रवि शास्त्री ने बोरिया मजूमदार के साथ बात की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में दो सीरीज जीत, आईसीसी ट्रोफी नहीं जीत पाने, अपने उत्तराधिकारी राहुल द्रविड़ व कई अन्य मुद्दों पर बात की।

भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के तौर पर अपने कार्यकाल से आप आप संतुष्ट हैं?
बेशक, मेरी उम्मीद से बेहतर। हां, मेरी अलमारी में कुछ और ट्रोफी होतीं तो बेहतर रहता। लेकिन, मैं यहां चांदी की ट्रोफियों से ज्यादा स्टील के लिए था। मैं इस टीम को ऐसा बना पाया। इस टीम को क्रिकेट खेलने वाली सर्वश्रेष्ठ टीमों में गिना जाएगा। मेरा पैमाना सिर्फ भारतीय क्रिकेट की बात नहीं कर रहा हूं बल्कि खेलने वाली किसी भी टीम की बात कर रहा हूं। यानी इस टीम को सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ टीमों में गिना जाएगा। आप किसी भी तरह से देखें, आप कहेगे कि यह बहुत अच्छी क्रिकेट टीम है। कोच के रूप में इससे बेहतर अनुभव कोई और नहीं हो सकता।

मैं किसी भी ट्रोफी के लिए के लिए ऑस्ट्रेलिया में दो सीरीज जीत को नहीं बदलूंगा। एक कोच के तौर पर मैं कह सकता हूं कि वे दो सीरीज मेरे लिए सब कुछ हैं। कई अहम खिलाड़ियों के चोट की वजह से बाहर होने के बाद हमारी टीम ने दिखाया कि वे किस चीज के बने हैं। आखिर भारतीय क्रिकेट क्या हैं? स्टील… और मैं कहना चाहूंगा कि लड़कों ने मेरी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। इंग्लैंड में हमने फिर शानदार क्रिकेट खेला। लॉर्ड्स की जीत का उदाहरण लें, हमने सामने वाली टीम को 50 ओवर में ऑल आउट कर दिया। आप देखें, तो आपको पता चलेगा कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं।

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