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घटती-बढ़ती धड़कनों का 10 सेकंड में इलाज करेगी बैलून डिवाइस

धड़कनों का घटना-बढ़ना सीधे तौर पर दिल पर असर डालता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे एट्रियल फिब्रिलेशन कहते हैं। लम्बे समय तक इस पर ध्यान न देने पर स्ट्रोक, ब्लड क्लॉटिंग या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इससे निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने अंगूर के आकार के बैलून को तैयार किया है। यह डिवाइस दिल की अनियमित धड़कनों को नियमित करने का काम करेगा।

ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी एनएचएस से इसे अप्रूवल मिल चुका है। जल्द ही बैलून डिवाइस से हार्ट के मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। ब्रिटेन में 14 लाख लोग अनियमित धड़कनों की समस्या से जूझ रहे हैं। नई बैलून डिवाइस मरीजों के इलाज में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।

धड़कनें अनियमित होती क्यों हैं, इसे समझें
इसके मामले किसी भी उम्र में दिख सकते हैं। हालांकि, सबसे ज्यादा 65 साल या इससे अधिक उम्र के मरीजों में एट्रियल फिब्रिलेशन के मामले देखे जाते हैं। इसकी कई वजह हैं। जैसे- आर्टरी से जुड़ी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, फेफड़े की बीमारी, वायरस का संक्रमण, नींद न आना, कैफीन-तम्बाकू या शराब का अधिक सेवन।

कैसे काम करता है बैलून
यह बैलून 10 तरह के इलेक्ट्रोड से लैस है। मरीज को लोकल एनेस्थीसिया देने के बाद सर्जरी की जाती है। सर्जरी के दौरान इस बैलून को धमनी के जरिए हार्ट तक पहुंचाया जाता है। यह हार्ट और डैमेज हुई नर्व तक ऑक्सीजनयुक्त ब्लड लेकर जाता है।

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