फीचर्डव्यापार

नीति आयोग के मेंबर कर रहे प्रोजेक्ट के टेंडर का विरोध

सरकार केरल के कोच्चि से लक्षद्वीप के बीच 1,772 किलोमीटर का फाइबर ऑप्टिक केबल नेटवर्क बनाने जा रही है, जो देश के लिए रणनीतिक रूप से अहम हैं। लेकिन देश के जाने-माने वैज्ञानिक और नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत इसके टेंडर का विरोध कर रहे हैं।

विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लग सकता है और लागत ज्यादा रह सकती है

सारस्वत का आरोप है कि 1,072 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का टेंडर डॉक्यूमेंट जान-बूझकर इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें इंडियन कंपनियां भाग नहीं ले सकतीं। उनका कहना है कि इससे प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लग सकता है, देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है और इसकी लागत ज्यादा रह सकती है।

टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है

देश की दिग्गज डिफेंस रिसर्च एजेंसी DRDO के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने अप्रैल में दूरसंचार मंत्रालय को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट के टेंडर पर संदेह जताया था। गौरतलब है कि इसको इंडस्ट्री बॉडी टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (TEMA) ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती भी दी है।

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