दिल के दौरे की गलतफहमी में बंद न करें दूध-घी मक्खन
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर जो अपने हमेशा फैंस से उनकी दादी-नानी के ज्ञान पर भरोसा करने को लेकर अक्सर सलाह देती नजर आती हैं। पिछले दिनों उन्होंने वजन घटाने, बॉडीवेट और मोटापा को लेकर कुछ मिथकों का भंडाफोड़ किया था। अब वे एक और वीडियो लेकर आई हैं जिसमें वे कोलेस्ट्रॉल के मिथकों की सच्चाई बता रही हैं। इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में दिवेकर ने लोगों को समझाया कि कैसे लोगों में कोलेस्ट्रॉल के बारे में कई मिथक हैं जिनके चलते उन्होंने घी, मलाई और सफेद मक्खन जैसे अच्छे वसा खाना बंद कर दिए हैं।
बहुत बार हम सोचते हैं कि कोलेस्ट्रॉल सिर्फ फैच है क्योंकि हर बार जब भी हम ब्लड टेस्ट कराते हैं, तो यह कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट लिपिड प्रोफाइल के फॉर्म में आती है। हमें लगता है कि अगर हम ज्यादा मोटे हैं या अधिक अधिक वजन वाले (overweight) हैं, तो हम कोलेस्ट्रॉल का शिकार हो सकते हैं। जबकि पतले लोगों में भी कोलेस्ट्रॉल होता है। कोलेस्ट्रॉल सिर्फ फैट यानी वसा नहीं है बल्कि यह एक स्टेरोल है। इसका वास्तविक नाम लिपो-प्रोटीन है।
वह कहती हैं कि कोलेस्ट्रॉल दो चीजों से बनता है वसा-प्रोटीन। सरल शब्दों में कहें तो तीन तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं- खराब कोलेस्ट्रॉल, अच्छा कोलेस्ट्रॉल और बहुत खराब कोलेस्ट्रॉल।