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भारत और अमेरिका के बीच पर्द के पीछे जारी हैं बातचीत

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच क्या बात बनेगी। ट्रंप के टैरिफ के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब तक भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं। यह ऐसा मुद्दा बन गया है जो दोनों देशों की कूटनीति के साथ ही साथ राजनीति को प्रभावित कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप मान चुके हैं कि टैरिफ की वजह से भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों में दरार पैदा हुई है। वहीं हाल ही पीएम मोदी की पुतिन और चीन के राष्ट्रपति के साथ हुई मुलाकात के बाद भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर नई बहस छिड़ी है। भारत-अमेरिका तनातनी के बीच दोनों देशों ने बातचीत बंद नहीं की और उम्मीद है कि जल्द रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। इन घटनाक्रम के जरिए इस समझा जा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहली अमेरिका यात्रा साल 2025 फरवरी में संपन्न हुई। इस यात्रा के ठीक पहले ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी और भारत को टॉप ऑफ द पैक बताया था। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित करना चाहा था कि ट्रंप की व्यापार नीतियों से भारत को कुछ राहत मिले। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा समझौतों पर बात की और साल 2030 तक 500 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया। टैरिफ की आहट के बीच यह मुलाकात कई मायनों में अहम थी।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अप्रैल के महीने में भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आए। इस दौरे का मुख्य फोकस भारत-अमेरिका व्यापार समझौता, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था। बीते एक दशक में किसी भी मौजूदा अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा नहीं हुई थी। जिस वक्त जेडी वेंस भारत दौरे पर थे तभी पहलगाम में टूरिस्टों पर आतंकी हमले हुए।

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