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टैरिफ का दोहरा असर: निर्यातक परेशान, कपास आयात छूट बनी संजीवनी

व्यापार: अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ के कारण अगले छह महीने में भारत के कपड़ा निर्यात का करीब एक चौथाई हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका भारत के कपड़ा उद्योग के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और निर्यातक ऑर्डर रद्द होने की समस्या से जूझ रहे हैं। 2024-25 में कपड़ा और परिधान क्षेत्र का आकार 179 अरब डॉलर होने का अनुमान है। इसमें 142 अरब डॉलर का घरेलू बाजार और 37 अरब डॉलर का निर्यात शामिल है।

भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) की महासचिव चंद्रिमा चटर्जी ने कहा, हम अगले छह महीनों में कम-से-कम 20-25 फीसदी की गिरावट की आशंका देख रहे हैं, क्योंकि निर्यात में 28 फीसदी गिरावट आ सकती है। इसमें मुख्य रूप से परिधान और मेड-अप उत्पाद शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा, 50 फीसदी टैरिफ देश के कपड़ा और परिधान उद्योग के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उच्च टैरिफ से अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर गंभीर असर पड़ेगा। इससे निर्यातकों और उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान होगा।

सेखरी ने कहा, हमारा उद्योग पहले से ही टैरिफ वृद्धि के प्रभावों का सामना कर रहा है। हम टैरिफ के प्रभा

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