नकली विदेशी मुहरें, हवाला का जाल: हर्षवर्धन जैन ने कैसे रचा था धोखे का तंत्र

गाजियाबाद। आपने कभी सोचा है कि कोई शख्स फर्जी कागजात और पहचान के दम पर कितनी आलीशान जिंदगी जी सकता है? गाजियाबाद में एक ऐसे ही शातिर दिमाग वाले ठग का पर्दाफाश हुआ है, जिसने खुद को राजनयिक बताकर लोगों को करोड़ों का चूना लगाया और एक हाई-फाई लाइफस्टाइल जी रहा था। जब गिरफ्तारी के बाद हर्षवर्धन जैन से पूछताछ की गई तो उसने कई राज उगले। धोखाधड़ी के मामलों में बड़ा हाथ मारते हुए गाजियाबाद निवासी हर्षवर्धन जैन ने बड़े खेल को अंजाम दिया है। एसटीएफ की गिरफ्तारी के बाद ये स्पष्ट हो चुका है कि हर्षवर्धन जैन फर्जी दूतावास बनाकर लोगों के साथ शासन-प्रशासन की आंख में धूल झोंकने का काम करता था। लंदन से पढ़ाई कर गाजियाबाद लौटे हर्षवर्धन जैन की लगभग पूरी कुंडली खुल गई है। लंदन से गाजियाबाद लौटे इस फर्जी राजदूत का सफर इतना अलग है कि व्यक्ति बैठे-बैठे ही माथा पीट ले। कारोबारी परिवार से ताल्लुकात रखने वाले जैन की पहुंत कई मंत्रालयों तक में थी। वो निडर होकर दुबई, दक्षिण अफ्रीका, पेरिस, लंदन और सऊदी अरब घूमने जाता था। हालांकि, अब धीरे-धीरे सारे खुलासे हो रहे हैं।

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