दस साल अंधी रहने वाली गेल लेन की नई शुरुआत, दांत से आंख में लेंस लगाने वाली अनोखी सर्जरी

विज्ञान हर दिन तरक्की कर रहा है, खासतौर पर हेल्थ के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों और खोजों की वजह से कई बीमारियों का इलाज अब पहले से आसान हो गया है. डॉक्टर और वैज्ञानिक ऐसे नए तरीकों पर काम कर रहे हैं, जिससे लोगों की जिंदगी बेहतर हो सके. रोज हो रहे ये नए कारनामे हमें एक सेहतमंद और खुशहाल भविष्य की तरफ ले जा रहे हैं.अब डॉक्टरों ने ऐसा कारनामा कर दिया है, जो लाखों मरीजों के लिए नई उम्मीद जगा दी है.

दरअसल, कनाडा की रहने वाली एक महिला गेल लेन जो पिछले दस सालों से अंधी थीं, अब एक अनोखी सर्जरी की मदद से फिर से देखने की उम्मीद कर रही हैं. इस सर्जरी को ‘टूथ-इन-आई’ कहा जाता है, जिसमें उनके दांत का इस्तेमाल कर आंख में लेंस लगाया गया. वैंकूवर के माउंट सेंट जोसेफ अस्पताल में की गई यह सर्जरी कनाडा में पहली बार हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है, जिनकी आंख की बाहरी सतह खराब हो चुकी है, लेकिन उनकी रेटिना और ऑप्टिक नर्व हेल्दी हैं.

क्या है पूरा प्रोसेस?
डॉ. के मुताबिक, यह प्रक्रिया इतनी दुर्लभ है कि कई नेत्र सर्जनों को भी इसके बारे में जानकारी नहीं होती. इस सर्जरी में रोगी के दांत में एक लेंस लगाया जाता है और इसे आंख में इंप्लांट किया जाता है, जिससे नई कॉर्निया बनाई जा सकती है.

यह प्रक्रिया दो फेंजों में पूरी होती है. पहले फेज में डॉक्टरों ने लेन के एक दांत को निकाला, उसे आकार देकर उसमें एक प्लास्टिक लेंस डाला. फिर इस संशोधित दांत को तीन महीनों के लिए उनकी गाल की त्वचा में प्रत्यारोपित किया गया ताकि उसमें टीश्यू डेवलेप हो सकें. डॉ. बताते हैं कि यह फेज बहुत अहम है क्योंकि दांत में प्राकृतिक संयोजी ऊतक नहीं होते, जो इसे सीधा आंख में लगाने के लिए आवश्यक होते हैं. इसी दौरान, लेन की आंख की ऊपरी सतह को हटाकर उसकी जगह गाल की स्कीन का एक ग्राफ्ट लगाया गया, ताकि वह ठीक हो सके.

सिर्फ इन रोगियों के लिए है उपयोगी
यह सर्जरी सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी नजर गंभीर कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के कारण प्रभावित हुई है, जैसे कि ऑटोइम्यून बीमारियों, रासायनिक जलन या अन्य चोटों से. लेकिन, मरीज की रेटिना और ऑप्टिक नर्व स्वस्थ होनी चाहिए.

अस्पताल ने इस अनोखी सर्जरी की खबर साझा की. लेन ने कहा, ‘मैंने 10 सालों से खुद को नहीं देखा. अगर मैं फिर से देख सकूं, तो यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात होगी.’

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