टेस्ला का पहला शोरूम दिल्ली में नहीं, इस शहर में खुलने जा रहा है – जानें किराया!
टेस्ला: दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क भारत में आने को पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने ये भी डिसाइड कर लिया है कि उनका पहला शोरूम कहां होगा? अगर आप सोच रहे हैं कि टेस्ला अपना पहला शोरूम दिल्ली में खोलने जा रहे हैं, तो आप गलत हैं. टेस्ला अपना पहला स्टोर या यूं कहें कि शोरूम मुंबई में खोलने जा रहा है. टेस्ला के अधिकारियों ने जगह की तलाश कर ली है और जल्द ही ओपन भी हो जाएगा. इससे पहले टेस्ला ने दिल्ली, मुंबई और बाकी इलाकों के लिए 13 पदों पर जॉब निकाली थी. उसके बाद से तय हो गया था कि टेस्ला अब भारत में आने को तैयार है. उसके बाद शोरूम खोलने और बाकी अपडेट आना शुरू हुए थे. आइए आपको भी इस बारे में पूरी जानकारी देते हैं.
कहां होगा पहला शोरूम
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार में अपनी बहुप्रतीक्षित एंट्री की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन दिग्गज टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में अपना पहला शोरूम स्थापित करने की बड़ी डील की है. कथित तौर पर यह लीज एग्रीमेंट समझौता देश में किसी कमर्शियल स्थान के लिए सबसे बडा लीज एग्रीमेंट में से एक होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला बीकेसी में एक कमर्शियल टॉवर के बेसमेंट पर 4,000 वर्ग फुट की जगह लेगी, जहां वह अपने कार मॉडल प्रदर्शित करेगी. मासिक लीज किराया लगभग 900 रुपए प्रति वर्ग फुट है, जो लगभग 35 लाख रुपए प्रति माह है. लीज पांच साल की अवधि के लिए तय की गई है.
टेस्ला दिल्ली के एयरोसिटी में एक और शोरूम खोलने की भी योजना बना रही है. टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क की वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के कुछ ही हफ्तों बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया, जिसके बाद कंपनी ने भारत में 13 नौकरियों की रिक्तियां पोस्ट कीं, जो भारतीय बाजार में प्रवेश करने की अपनी नई योजनाओं का दृढ़ता से संकेत देती हैं.
भारत कर रहा टेस्ला को मजबूर
फरवरी में हाल के घटनाक्रम से पता चलता है कि टेस्ला आने वाले महीनों में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही चर्चाओं के अनुरूप लॉन्च के लिए तैयार हो सकता है, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मोदी की बैठक के बाद की गई थी. भारत वर्तमान में वाहनों पर 110 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है, ट्रम्प द्वारा उठाए गए विवाद का एक मुद्दा, जिन्होंने तर्क दिया कि इतने हाई टैरिफ टेस्ला को देश में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.