इजरायल ने हिज्बुल्लाह-हमास के 230 ठिकाने हैवी बमबारी से उड़ाए

बेरूत/तेल अवीव। इजरायल अपने वादे को पूरा करने में जुटा है। लेबनान और गाजा से हिज्बुल्लाह का सफाया करके रहेगा। पिछले 24 घंटें में इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने हमास-हिज्बुल्लाह के 230 से ज्यादा ठिकानों को टारगेट किया। उन्हें बर्बाद किया। इजरायल हिज्बुल्लाह आतंकियों को उनके बिलों से निकाल-निकाल कर मार रहा है। दक्षिणी लेबनान में इजरायली सेना ने हिज्बुल्लाह के कई लॉन्च पैड्स को तबाह किया है। इन्हीं लॉन्च पैड्स से रॉकेट और ड्रोन दागकर हिज्बुल्लाह उत्तरी इजरायल के निवासियों की जान लेता था। इसके अलावा कई एयरस्ट्राइक किए गए हैं, जिसमें कई आतंकियों को मारा गया है। कई हिज्बुल्लाह ठिकाने बम गिराकर खत्म कर दिया गया है। वहीं लेबनान में इजराइली हमले के बीच हिजबुल्लाह ने सीजफायर की मांग की है। ये पहली बार है जब हिजबुल्लाह ने सार्वजनिक तौर पर सीजफायर का समर्थन किया है और गाजा में जंग को रोकने की शर्त नहीं रखी है। हिजबुल्लाह ने पिछले साल 8 अक्टूबर को हमास का साथ देते हुए इजराइल पर हवाई हमला शुरू किया था। इस घटना के एक साल पूरे होने पर हिजबुल्लाह के डिप्टी चीफ नईम कासिम ने भाषण दिया। कासिम ने कहा कि हिजबुल्लाह सीजफायर के लिए लेबनान संसद अध्यक्ष नबीह बेरी की कोशिशों का समर्थन करता है। एक बार सीजफायर हो जाए तो फिर बाकी चीजों पर चर्चा की जाएगी। हिजबुल्लाह पहले कहता रहा है कि वह इजराइल पर हमले तभी रोकेगा जब गाजा में सीजफायर होगा।
गाजा में पिछले साल 7 अक्टूबर के बाद इजराइली हमले में मरने वालों की संख्या 42 हजार को पार कर गई है। गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक मरने वाले लोगों की संख्या 41,010 हो गई है वहीं, 97,720 लोग अब तक घायल हो चुके हैं। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि गाजा में सीजफायर को लेकर कुछ बात आगे बढ़ी है। हालांकि जब तक इजराइल और हमास के बीच समझौता नहीं हो जाता है, तब तक इसका कोई मतलब नहीं है। कमला हैरिस ने कहा कि गाजा में सीजफायर और इजराइली बंधकों को छुड़ाए जाने की सख्त जरूरत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इजराइल-हमास जंग के एक साल पूरे होने के बाद गाजा में रहने वाले 6 प्रतिशत लोग इजराइल के हमले में मारे गए हैं या फिर घायल हुए हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कम से कम 10 हजार लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं।
उधर, ईरान में 39 सांसदों ने देश की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को पत्र लिखकर न्यूक्लियर हथियार बनाने की मांग की है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कहा गया है कि ईरान के रक्षा सिद्धांतों में बदलाव की जरुरत है। पत्र लिखने वाले सांसदों में से एक अखलाघी ने कहा कि आज दुनिया में एक भी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन, यूरोपीय देश या फिर अमेरिका के पास इतनी ताकत नहीं है जो इजराइल को रोक सकें। वे जो भी अपराध करना चाहते हैं, वे कर रहे हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने दो दशक पहले एक धार्मिक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि न्यूक्लियर हथियार रखना इस्लाम के खिलाफ है। हालांकि इसके बाद से ईरान में कई बार न्यूक्लियर हथियार बनाने की मांग की जाती रही है।

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