सरकारी जमीन के आवंटन पर साय सरकार का बड़ा फैसला,.. पूर्ववर्ती सरकार में जारी सभी परिपत्र निरस्त
पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में सरकारी जमीन के आवंटन को लेकर जारी सभी परिपत्रों को साय सरकार ने निरस्त कर दिया है। विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल की बैठक में परिपत्र निरस्त करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा है कि जमीन को भूमिस्वामी हक में परिवर्तित किए जाने के लिए 20 मई 2020 को जारी परिपत्र तथा नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के जाएगा संशोधनः बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों को उनकी पर मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क शब्द जोड़ा गया है।
छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन होने से अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी, व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे, इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल पाएगा। संशोधन प्रस्ताव के अनुसार मंडी फीस के स्थान पर अब ‘‘मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क‘‘ शब्द जोड़ा जाना प्रस्तावित है। संशोधन प्रस्ताव के अनुसार कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी सकल वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। इस निधि का उपयोग नियमों में शामिल प्रयोजनों के लिए किया जा सकेगा।