जमीयत भी UCC के खिलाफ:मौलाना मदनी बोले- इस पर बहस राजनैतिक साजिश

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बाद देश की एक और प्रमुख मुस्लिम संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद भी UCC के विरोध में आ गई है। लॉ कमीशन को दिए अपने सुझाव में जमीयत ने कहा है कि वह समान नागरिक संहिता के खिलाफ है, क्योंकि यह धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है, जिसे संविधान के तहत गारंटी दी गई है।

गुरुवार को जमीयत ने 22वें विधि आयोग को भेजी गई आपत्तियों का सारांश शेयर किया, जिसमें जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि UCC पर बहस शुरू करना एक राजनीतिक साजिश है।

उधर, नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि UCC से किसका फायदा होगा? सरकार जिस तरह देश चलाना चाहती है, वह गलत है।

लॉ कमीशन को लिखे लेटर में मदनी ने कहा- यह मुद्दा सिर्फ मुसलमानों से नहीं बल्कि सभी भारतीयों से जुड़ा है। हम शुरू से इस देश में स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन कर रहे हैं। हम अपने धार्मिक मामलों और पूजा पद्धति पर किसी भी तरह से समझौता नहीं करेंगे। हम कानून के दायरे में रहकर अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव उपाय करेंगे।

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