हिंडनबर्ग के डंक के बाद गौतम अडानी का पहला बड़ा मूव
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के कारण बड़ा नुकसान हुआ था। उसके बाद से ग्रुप अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कई तरह के उपाय कर रहा है। इसी कड़ी में गौतम अडानी की अगुवाई वाले इस ग्रुप ने अपनी तीन कंपनियों के शेयर संस्थागत निवेशकों को बेचकर तीन अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद ग्रुप का यह पहला बड़ा मूव है। सूत्रों के मुताबिक ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन के बोर्ड पहले से ही पात्र संस्थागत निवेशकों को शेयर बेचकर 2.5 अरब डॉलर (21,000 करोड़ रुपये) जुटाने को मंजूरी दे चुके हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी का बोर्ड भी एक-दो सप्ताह में एक अरब डॉलर जुटाने के लिए मंजूरी दे सकता है।
सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी के बाद अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन ने शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है। अडाणी ग्रीन एनर्जी का बोर्ड इसे मंजूरी देने के लिए जून के पहले या दूसरे सप्ताह में बैठक कर सकता है। इस तरह अडानी ग्रुप 3.5 अरब डॉलर जुटा सकता है। इससे समूह अपने पूंजीगत खर्चे को पूरा कर सकेगा। पूंजी जुटाने की प्रक्रिया संग्रह चालू वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में पूरी हो सकती है। पूंजी पात्र संस्थागत खरीदारों को शेयर जारी कर जुटाई जाएगी। सूत्रों के अनुसार यूरोप और पश्चिम एशिया के निवेशकों ने इसमें अच्छी रूचि दिखाई है। कुछ मौजूदा निवेशक पेशकश स्वीकार कर सकते हैं और कुछ नए निवेशक भी इसमें शामिल हो सकते हैं।