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थर्ड अंपायर ही तय करेगा कैच हुआ या नहीं:सॉफ्ट सिग्नल का नियम खत्म

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने सॉफ्ट सिग्नल के नियम को खत्म कर दिया है। यानी अब थर्ड अंपायर ही तय करेगा कि फील्डर ने कैच सही तरह से पकड़ा है या नहीं। साथ ही अब 3 कंडीशंस में फील्डर्स, विकेटकीपर और बैटर्स का हेलमेट पहनना भी जरूरी होगा।

इन नियमों की शुरुआत इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच 1 जून से इंग्लैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले टेस्ट मैच से होगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 7 जून को होने वाले WTC फाइनल में भी नए नियमों का इस्तेमाल होगा।

सॉफ्ट सिग्नल क्या है?
मैच के दौरान ग्राउंड अंपायर अगर कोई कैच थर्ड अंपायर के पास रेफर करता था तो उसे सॉफ्ट सिग्नल के जरिए यह बताना होता था कि उसकी अपनी राय क्या है। यानी ग्राउंड अंपायर भले ही कैच को लेकर कन्फ्यूज रहता हो, लेकिन उसे थर्ड अंपायर को यह बताना होता था कि उसकी नजर में डिसीजन आउट है या नॉटआउट।

ग्राउंड अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल में जो कहा है, उसे थर्ड अंपायर तब तक नहीं बदल सकता, जब तक उसके पास इसके लिए कन्क्लूसिव एविडेंस यानी निर्णय करने लायक सबूत न हो। यानी अगर थर्ड अंपायर भी श्योर नहीं है कि कैच क्लीन है या नहीं, तो इस स्थिति में ग्राउंड अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल को ही फाइनल डिसीजन मान लिया जाता था।

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