विपुल चौधरी की गिरफ्तारी से गुजरात की राजनीति गर्म

अहमदाबाद: गुजरात के महेसाणा स्थित दूधसागर डेयरी में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किए गए विपुल चौधरी की आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 2005 से लेकर 2016 तक डेयरी के चेयरमैन रहे पूर्व गृह मंत्री विपुल चौधरी के खिलाफ एसीबी की ब्रीफिंग में संगीन आरोप सामने आए हैं। 11 साल के कार्यकाल में चौधरी पर छह घोटालों के जरिए 600 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। विपुल चौधरी के भ्रष्टाचार की जांच के लिए डीआईजी मकरंद चौहान की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई गई है। इसमें एक डीएसपी और 3 पीआई को रखा गया है।

ऐंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार की रात विपुल चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की थी और इसके बाद गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था। विपुल चौधरी की गिरफ्तारी के खिलाफ उत्तर गुजरात की राजनीति गरमा गई है। वडगाम से विधायक और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने विपुल चौधरी और उनके सीए शैलेश पारिख की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया। मेवाणी ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार उत्तर गुजरात में विपुल चौधरी की ‘अर्बुदा सेना’ की बढ़ती ताकत से घबरा गई है। मेवाणी का आरोप है कि उसके प्रभाव को कम करने और दबाने के लिए यह कार्रवाई की गई। एसीबी को मिली शिकायत में विपुल चौधरी के खिलाफ पशुपालकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *