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आटा-चावल पर क्यों लगाया जीएसटी, केंद्र सरकार ने अब बताई असली वजह

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने पैकेटबंद सामान एवं खाद्य उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (GST) लगाने के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि इन इन उत्पादों पर कर की चोरी हो रही थी, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। कुछ राज्यों ने भी इसकी मांग की थी। प्रीपैकेज्ड अनाज, दाल, आटा, छाछ और दही पनीर पर हाल में पांच फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। पहले ये चीजें जीएसटी के दायरे से बाहर थीं। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की हाल में चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई चीजों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। ये दरें 18 जुलाई यानी आज से लागू हो गई हैं। विपक्ष इस बढ़ोतरी की वापस लेने की मांग कर रहा है।

बजाज ने कहा कि पैकेटबंद खाद्य उत्पादों पर 18 जुलाई से जीएसटी लगाने का फैसला केंद्र सरकार का नहीं बल्कि जीएसटी परिषद का है। जीएसटी दरों के बारे में सुझाव देने वाली ‘फिटमेंट समिति’ ने इस बारे में निर्णय किया था जिसमें केंद्र के अलावा राज्यों के भी अधिकारी शामिल होते हैं। बजाज ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों की भागीदारी वाले मंत्री समूह (जीओएम) ने भी इन उत्पादों पर जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी जिसे जीएसटी परिषद ने भी स्वीकृति दे दी। इसके आधार पर गत 18 जुलाई से पैकेटबंद खाद्य उत्पादों पर भी पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगने लगा है। हालांकि, विपक्षी दल एवं अन्य समूह इसका विरोध करते हुए इसे आम आदमी के लिए नुकसानदेह बता रहे हैं।

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