पेट्रोल-डीजल पर केंद्र के दांव से विपक्ष शासित राज्यों को डबल झटका
पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ताजा कटौती से केंद्र सरकार के खजाने में इस वित्तीय वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये कम जमा होंगे। उधर, उज्ज्वला योजना के लाभुकों के लिए सब्सिडी पर 6,100 करोड़ रुपये का खर्च होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बातें बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले छह महीने में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में दूसरी बार कटौती की है। सीतारमण जब यह बोल रही थीं, तब विपक्ष शासित राज्य सरकारों पर वैट घटाने का अलग दबाव बन रहा था।
पेट्रोल 9.5 रुपये, डीजल 7 रुपये सस्ता
बहरहाल, केंद्र सरकार के ताजा फैसले से पेट्रोल की दर 9.5 रुपये प्रति लीटर घट जाएगी जबकि डीजल भी प्रति लीटर 7 रुपये सस्ता हो जाएगा। हालांकि, यह राज्यों में लागू वैट की दर पर निर्भर करेगा। केंद्र सरकार ने 4 नवंबर, 2021 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 रुपये जबकि डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की दर से कटौती की थी। इस बार की कटौती के बाद पेट्रोल-डीजल पर केंद्र की एक्साइज ड्यूटी कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर पर आ गई है बल्कि कुछ पैसे और कम हो गई है। 1 मार्च, 2020 को पेट्रोल पर 19.98 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल पर 15.83 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी लागू थी। अब यह क्रमशः 19.90 रुपये और 15.80 रुपये हो गई है।
यूक्रेन संकट के कारण आसमान पर कच्चे तेल का दाम
ध्यान रहे कि एक्साइज ड्यूटी में ताजा कटौती तब हुई है जब रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जंग खत्म नहीं हुई है। यूक्रेन संकट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव आसमान छू रहा है। सरकार ने इस मंहगाई का बोझ जनता पर डाल रखा था जिस कारण पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर का भाव छू चुका था। वहीं, रसोई में इस्तेमाल होने वाला एलपीजी गैस सिलिंडर देश के ज्यादातर हिस्सों में 1,000 रुपये को पार कर गया।