रोबोट आर्मी उतार कर पुतिन बनेंगे ‘बाजीगर’

मॉस्को: यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में अभी तक रूस को ही ज्यादा नुकसान हुआ है। लेकिन अब अपने नुकसान को कम करने के लिए रूस रोबोट का इस्तेमाल कर सकता है। रूसी मिलिट्री एक्सपर्ट विक्टर मुराखोव्स्की (Viktor Murakhovsky) ने गुरुवार को सरकारी मीडिया पर चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा माना जाता है कि रूस रोबोटिक्स के मामले में पीछे है। लेकिन असलियत इसके एकदम उलट है। रूस के अलावा दुनिया में किसी भी सेना के पास रोबोटिक्स की इतनी विविध श्रेणी नहीं है और जिस तरह रूस ने हाल ही में इस क्षेत्र में इनवेस्टमेंट किया है उससे यह स्थिति आसानी से बदलने वाली भी नहीं है।

विक्टर ने कहा कि आज की रूसी सेना 1930 के दशक में रिमोट से चलने वाले टैंक बनाने वाली रेड आर्मी की उत्तराधिकारी है। रेड आर्मी ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान टेलीटैंक्स बनाए थे जो एक ऑपरेटर द्वारा लगभर 0.3 से 0.9 मील तक रेडियो से कंट्रोल हो सकते थे। इस टैंक में मशीन गन और आग फेंकने वाली बंदूकें थीं। स्मोक बम फेंकने की भी इसके पास क्षमता थी।

समुद्र और जमीन पर रूस के रोबोट बेहतर
विक्टर ने कहा कि युद्ध के बाद सोवित संघ ने बिना पायलट से चलने वाले विमानों को बनाया और में व्यक्तिगत तौर पर रिमोट कंट्रोल से चलने वाले आधुनिक टैंक के प्रोजेक्ट में शामिल रहा हूं। इन क्षेत्रों में रूस ने जबरदस्त प्रगति की है। हालांकि वह ड्रोन टेक्नोलॉजी के मामले में थोड़ा पीछे है, लेकिन समुद्र और जमीन पर चलने वाले रोबोटों के मामले में वह सबसे आगे है।

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