चीन में कोरोना ने रोक दी जिंदगी की रफ्तार
चीन तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना संक्रमण को काबू करने में नाकाम साबित हो रहा है। चीन के 26 शहरों मे लॉकडाउन लगा हुआ है। 21 करोड़ की आबादी घरों में है। 1 मई को होने वाले मजदूर दिवस पर सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक रही। चीन के पिछले 73 साल के इतिहास में पहली बार मई दिवस के आयोजन नहीं हुए।
आर्थिक राजधानी शंघाई में सख्त लॉकडाउन और राजनीतिक बीजिंग में कोरोना के मामले में कमी नहीं आने के बावजूद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। अप्रैल के दौरान जिनपिंग ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत की, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के बारे में कोई बयान नहीं दिया।
यहां तक कि 2.5 करोड़ की आबादी वाले शंघाई के लोगों को टेलीविजन पर भी संबोधित नहीं किया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समाचार पत्र के संपादक रहे डेंग यूवेन का कहना है कि जिनपिंग ऐसा जानबूझ कर रहे हैं। क्योंकि लोगों में लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों की वजह से गुस्सा है।
सरकारी कर्मी कम पड़े, कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा
चीन के कई शहरों में लॉकडाउन के कारण लोगों को खाने पीने की चीजों की सप्लाई के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। राष्ट्रपति जिनपिंग ने पहले लगभग 75 लाख सरकारी कर्मचारियों को राहत सामग्री वितरण और अन्य कामों में लगाया। सरकारी कर्मचारियों की संख्या कम पड़ने लगी तो अब कम्युनिस्ट पार्टी के लगभग 50 लाख कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा है।