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इन्फोसिस ने ऐसा क्या कर दिया कि लेबर मिनिस्ट्री पहुंच गई कंपनी की शिकायत

 देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) के खिलाफ लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) में शिकायत की गई है। यह शिकायत पुणे की एक लेबर यूनियन (Labour Union) ने की है। उसका कहना है कि कंपनी ने ऑफर लेटर में नॉन कम्पीट क्लॉज (non-compete clause) का प्रावधान किया है जिसे हटाया जाना चाहिए। इस प्रावधान के तहत इन्फोसिस के कर्मचारी छह महीने तक टीसीएस (TCS), विप्रो (Wipro) और एचसीएल (HCL) जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में नहीं जा सकेंगे।

नेसेंट इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉयीज सीनेट ने इस बारे में केंद्रीय श्रम मंत्रालय से शिकायत की है। उसके मुताबिक कंपनी ने एम्प्लॉयी एग्रीमेंट में नॉन कम्पीट क्लॉज डाला है। इसमें कहा गया है कि अगर कंपनी के किसी कर्मचारी ने पिछले 12 महीनों के दौरान किसी कस्टमर के लिए काम किया है तो अगले छह महीने के दौरान वह उस कस्टमर के साथ काम करने का ऑफर स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही ऐसे कर्मचारी छह महीने तक सीधे ऐसे कस्टमर के साथ काम नहीं करेंगे जिनके साथ उन्होंने इन्फोसिस में रहते हुए पिछले 12 महीनों के दौरान काम किया है।

प्रतिभाओं की कमी
ईटी ने यूनियन की इस शिकायती पत्र और कंपनी के एम्प्लॉयी एग्रीमेंट को देखा है। इस बारे में इन्फोसिस ने कोई टिप्पणी नहीं की। आईटी इंडस्ट्री पिछले कुछ साल से प्रतिभाओं की कमी से जूझ रही है। मार्च तिमाही में इन्फोसिस से नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों की दर 27.7 फीसदी पहुंच गई थी जबकि टीसीएस (TCS) में यह 17.4 फीसदी थी।

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