व्लादिमीर पुतिन को बड़ा झटका

रूस और कजाकिस्तान के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों देश स्वंय के राष्ट्रीय हितों के साथ घनिष्ठ संबंधों को संतुलित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। माना जा रहा है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने मध्य एशिया में अस्थिरता पैदा कर दी है। कजाकिस्तान के किसी भी बड़े राजनेता या अधिकारी ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का खुलकर समर्थन नहीं किया है। इसके बावजूद वे ऐसे कदम उठा रहे हैं, जिसके कारण रूस-कजाकिस्तान संबंधों में दरार पड़नी तय है। यूक्रेन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष सैन्य अभियान के शुरुआत से ही कजाकिस्तान ने तटस्थ रुख अपनाने की कोशिश की है। जबकि, कजाकिस्तान रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन संघ और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) का सदस्य है।

यूक्रेन की अखंडता का समर्थन कर रहा कजाकिस्तान
कजाकिस्तान ने रूस से नजदीकी होने के बावजूद यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया है। उसने खुले तौर पर ऐलान किया है कि कजाकिस्तान रूस समर्थित डोनेट्स्क और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को मान्यता देने का कोई इरादा नहीं रखता है। जबकि, ऐसे ही रूस समर्थक देश बेलारूस ने महीनेभर पहले ही मान्यता प्रदान कर दी है। हालांकि, कजाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में रूस विरोधी किसी भी प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया है और न ही यह अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के लगाए गए रूसी-विरोधी प्रतिबंधों में शामिल हुआ है।

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