चीन से मिला धोखा तो भारत की तरफ देखने लगी दुनिया, FTA के लिए लाइन में खड़े हैं कई देश
कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) की शुरुआत चीन से हुई थी और इसके कारण वहां व्यापक लॉकडाउन लगाया गया था। इससे दुनियाभर में सप्लाई बाधित हुई थी क्योंकि कच्चे माल की सप्लाई के लिए दुनिया चीन पर निर्भर थी। चीन में एक बार फिर कोरोना सिर उठा रहा है और कई इलाकों में लॉकडाउन लगा है। इससे एक बार फिर वहां से सप्लाई बाधित हुई है। ऐसे में चीन पर भारी निर्भरता से बचने के लिए दुनिया के देश अब वैकल्पिक व्यवस्था चाहते हैं और इसमें भारत सबसे आगे खड़ा नजर आ रहा है। यही वजह है कि एक के बाद एक दुनिया के कई देश भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए लाइन लगाकर खड़े हैं।
भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में भरोसेमंद पार्टनर बनकर उबरा है और यही वजह है कि दुनिया के देशों के लिए भारत की अहमियत बढ़ गई है। पिछले दो महीनों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ऑस्ट्रेलिया (Autralia) ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) किया है। यूएई और भारत के बीच एफटीए पर 18 फरवरी को साइन हुए। दोनों पक्षों के बीच सितंबर में इस बारे में बातचीत शुरू हुई और फरवरी में एफटीए अपने मुकाम पर पहुंच गया। यानी छह महीने में ही यह अपने अंजाम पर पहुंच गया। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया के साथ दस साल की मेहनत के बाद एफटीए हुआ। हालांकि इस पर भी छह महीने पहले ही औपचारिक रूप से बातचीत शुरू हुई थी और दो अप्रैल को इस पर हस्ताक्षर हो गए।
ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दो अप्रैल को इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट (ECTA) पर साइन हुए था। तब कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि ब्रिटेन, कनाडा, इजरायल, छह सदस्यों वाले गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (Gulf Cooperation Council) और ईयू के साथ एफटीए को लेकर बातचीत हो रही है। ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए के बाद ईयू और ब्रिटेन को भी भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर आस जगी है।