नवाब मलिक की याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जिसमें उन्होंने धन शोधन मामले में उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जेल में बंद नेता मलिक की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा। मलिक ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है।

पीठ ने कहा, ‘‘कृपया कागजात दीजिए।’’

सिब्बल ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून 2005 में लागू हुआ था और मंत्री पर 2000 से पहले किए गए कथित अपराधों के लिए आरोप लगाया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहायकों से कथित तौर पर जुड़े संपत्ति सौदे के सिलसिले में मलिक को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद मलिक ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी और हिरासत के आदेशों को चुनौती दी थी।

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