कांग्रेस के जिला बनाने के वादे का माहौल, भाजपा के पास अभी कोई तोड़ नहीं

खैरागढ़ उपचुनाव की गहमागहमी अब चरम की ओर है। यह क्षेत्र पहली बार राजनीतिक रूप से इतना महत्वपूर्ण होता दिख रहा है। कांग्रेस ने इस उपचुनाव में बाकायदा घोषणापत्र जारी कर जीत के 24 घंटों के भीतर जिला बनाने का वादा किया है। इस वादे ने क्षेत्र के वर्षों से पल रही उम्मीदों को पंख दे दिया है। जनता कांग्रेस का भी यही वादा है। इस परसेप्शन की काट के लिए भाजपा सरकार के पिछली बार घोषित चार जिलों के हश्र की याद दिलाकर अपने मतदाताओं को साधे रखने की कोशिश में है।

खैरागढ़ विधानसभा की सीमा से बाहर के पहले गांव मारूटोला कला में मिले गैंदराम वर्मा ने बताया, उनके गांव से ठीक पहले खैरागढ़ की सीमा खत्म होती है, लेकिन खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा से उनके गांव में भी उत्साह है। उन लोगों को उम्मीद है कि प्रस्तावित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में उनका गांव भी आएगा। वर्मा उत्साहित होकर बताते हैं कि अगर ऐसा हुआ उन लोगों को जिला मुख्यालय के किसी काम के लिए दूर राजनांदगांव जाने का झंझट ही खत्म हो जाएगा। सारे काम नजदीक के खैरागढ़ में होने लगेंगे। अभी यहां तहसील और न्यायालय ही है। जिला बनने के बाद कलेक्टर, एसपी भी बैठेंगे। गैंदराम वर्मा का कहना है, भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल और कांग्रेस की यशोदा वर्मा दोनों ही उनके समाज के हैं। दोनों सामाजिक रूप से सक्रिय हैं, लेकिन सरकार की घोषणा से गांव में कांग्रेस की ही चर्चा हो रही है।

खैरागढ़ तहसील का बागमुड़ा मुख्य सड़क से अलग हटकर है। दोपहर में तेज धूप की वजह गांव में सन्नाटा सा पसरा हुआ था। खेतों में भी किसान नहीं थे। गांव के थोड़ा भीतर घुसते ही मंदिर है। सीढ़ियों पर ही कुछ युवा बैठकर बातचीत में व्यस्त मिले। नए लोगों को देखकर कुछ लड़के इधर-उधर हो गए। घर से कुछ अन्य लोग बाहर निकल आए। बात शुरू हुई तो चुनाव पर चर्चा शुरू हो गई।

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