मिजोरम में पकड़ी गई प्रतिबंधित मैडनेस ड्रग
मिजोरम के कोलासिब जिले में याबा टैबलेट जब्त की गई है। बीएसएफ की 38 बटालियन, आबकारी और नारकोटिक्स विभाग की संयुक्त कार्रवाई में तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। थाइलैंड में इसे रखने पर आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक का प्रावधान है।
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, टीम ने तस्करों के पास से लगभग 12.8 किलो की 1 लाख 30 हजार 492 याबा टैबलेट पकड़ी हैं, जिसकी कीमत 6.52 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पकड़े गए तस्करों में से दो की पहचान असम के समीर देव (49) और म्यांमार के सोलोमन (36) के रूप में हुई है।
BSF को ऐसे मिली कामयाबी
BSF ने बताया कि छिमलुआंग गांव के पास से याबा टैबलेट का सौदा होने की खबर मिली थी, जिसके बाद ऑपरेशन शुरू किया गया। मौके पर पहुंचे जवानों ने सौदा नहीं होने दिया और तस्करों को पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि जब्त की गई याबा टैबलेट्स की कीमत बाजार में 6.52 करोड़ रुपए है।
क्या है याबा टैबलेट?
याबा, टैबलेट के रूप में एक दवा होती है। भारत में याबा को भूल भुलैया कहा जाता है। यह अक्सर लाल रंग की होती है। इसके कवर पर WY अक्षर लिखे होते हैं। याबा को पागलपन की दवा (madness drug) के नाम से जाना जाता है। यह दवा पूर्वी म्यांमार के शान, काचिन और दो अन्य राज्यों में बनती है। ये दवा लाओस, थाईलैंड, म्यांमार से दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश और अन्य देशों में पहुंचाई जाती है।