पेटीएम की हालत ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया’ जैसी
देश की सबसे चर्चित मोबाइल वॉलेट और पेमेंट बैंक कंपनी पेटीएम (Paytm Payment Bank) से जुड़ी एक और बुरी खबर आई है। 31 दिसंबर को खत्म हुई तिमाही में भी पेटीएम का कंसोलिडेटेड लॉस बढ़कर 778 करोड़ रुपये (Paytm loss increased to rs. 778 crore in q3) हो गया है। वैसे तो आपको हर गली-चौराहे से लेकर बड़े-बड़े मॉल्स तक की दुकानों में आपको पेटीएम के क्यूआर कोड लगे मिल जाएंगे, लेकिन कंपनी अभी तक फायदा नहीं कमा पा रही है। पिछले कई सालों से कंपनी को सिर्फ नुकसान हो रहा है। शुक्रवार को पेटीएम का शेयर 0.89 फीसदी बढ़कर 952.90 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इसका आईपीओ 2150 रुपये (Paytm share price) का था, जो पहले ही दिन डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ और गिरते-गिरते उसकी कीमत आधे से भी कम हो गई है।
दिसंबर 2021 को खत्म हुई तिमाही में पेटीएम का रेवेन्यू करीब 89 फीसदी बढ़कर 1456 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं दूसरी ओर कंपनी का नुकसान बढ़कर 778 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का नुकसान 532 करोड़ रुपये था। वहीं सितंबर 2021 में कंपनी का नुकसान 482 करोड़ रुपये था। कंपनी की हर बार फायदे में आने की उम्मीद तो कर रही है, लेकिन सिर्फ नुकसान झेल रही है।
वित्त वर्ष 2021 में पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने 1701 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है। टेलिग्राफ इंडिया के मुताबिक ये लगातार आठवां साल है, जब कंपनी को नुकसान हुआ है। कंपनी के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने जनवरी 2021 में कहा था कि इस बार कंपनी मुनाफे में आ सकती है, क्योंकि कोरोना की वजह से डिजिटल ट्रांजेक्शन में तेजी देखी गई है, लेकिन नतीजे नेगेटिव रहे। इससे पहले 2020 में भी कंपनी को 2942 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।