जिनकी देवबंद से दावेदारी ने सपा में मचा दिया घमासान
‘मैं पहले मुसलमान हूं, उसके बाद भारतीय। कोई हमारे ऊपर जबरदस्ती नहीं कर सकता’… इस तरह के विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले पूर्व विधायक माविया अली ने सहारनपुर जिले की देवबंद विधानसभा सीट से दावेदारी की है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी में घमासान मचा हुआ है। इस सीट से सपा के दो दावेदार कार्तिकेय राणा और माविया अली चुनाव मैदान में हैं। वहीं मुजफ्फरनगर में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया कि कार्तिकेय राणा ही देवबंद विधानसभा सीट से सपा के प्रत्याशी होंगे।
इससे पहले शुक्रवार सुबह ही पूर्व विधायक माविया अली ने खुद को सपा का अधिकृत प्रत्याशी बताया था। उनका कहना था कि मेरे पास ए, बी और सी फॉर्म है। इसके आधार पर सपा से किया गया कोई दूसरा नामांकन कैंसिल हो जाएगा। हालांकि अखिलेश की घोषणा के बाद सपा प्रत्याशी को लेकर पिक्चर क्लियर हो गई है। हालांकि माविया अली के अगले सियासी कदम पर लोगों की निगाहें लगी हुई हैं।
कौन हैं माविया अली
पूर्व विधायक माविया अली कभी पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजेंद्र राणा के बेहद करीबी हुआ करते थे। 2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में देवबंद नगर पालिका परिषद का सभासद रहते हुए माविया ने स्वर्गीय राजेंद्र राणा के चुनाव की बागडोर संभाली हुई थी। 2012 में स्वर्गीय राजेंद्र राणा चुनाव जीते और उन्हें यूपी सरकार में मंत्री बनाया गया। इसके बाद हुए नगर पालिका चुनाव में माविया अली ने ताल ठोकी और चुनाव जीतकर चैयरमैन बने। अखिलेश सरकार के दौरान नगर पालिका के चेयरमैन रहते माविया अली का कद काफी बढ़ गया।