शी जिनपिंग को सता रही शीत युद्ध की सिहरन

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 से उबरने का एकमात्र रास्ता संयुक्त प्रयास हैं और दुनियाभर में टीकों के समान वितरण और टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि एक दूसरे को पछाड़ने की सोच या आरोप-प्रत्यारोप से प्रयासों में देरी ही होगी और हम मुख्य उद्देश्य से भटक जाएंगे। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सप्ताह भर चलने वाले ऑनलाइन दावोस एजेंडा सम्मेलन के पहले दिन ‘विश्व के हालात’ विषय पर अपने विशेष संबोधन में जिनपिंग ने कहा कि मानवता निश्चित रूप से आगे बढ़ेगी, लेकिन दुनिया को मिलकर महामारी को हराने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘महामारी लंबी खिंच रही है। यह स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर असर डालती है। एक दूसरे को पछाड़ने की सोच और आरोप-प्रत्यारोप से हमारे उद्देश्य ही प्रभावित होंगे।’ उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को और अधिक खोलने तथा वृहद सहयोग की वकालत करते हुए कहा, ‘हमें अवरोधकों को हटाना चाहिए और दीवारें नहीं बनानी चाहिए। हमें चीजों को और अधिक खोलना चाहिए।’

‘टकराव से आएंगे भयानक नतीजे’
उन्होंने कहा कि दुनिया को शीत युद्ध की मानसिकता को दूर करना होगा, अन्यथा टकराव से भयानक नतीजे सामने आएंगे। जिनपिंग ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था को तेजी से और मजबूती से पटरी पर लाने के लिए आर्थिक विकास के नए कारक खोजने होंगे। उनका इशारा अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी अमेरिका की ओर था। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ विकासशील देश महामारी के कारण गरीबी की ओर जा चुके हैं, वहीं कुछ विकसित देश भी मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं।

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