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माँ के सम्मान में रुद्राक्ष का पौधा रोपा मुख्यमंत्री श्री साय ने

रायपुर, 5 जुलाई 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत अपनी जन्मभूमि बगिया में अपनी माताजी के सम्मान में पौधरोपण किया। उन्होंने शासकीय हाईस्कूल बगिया परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। उन्होंने कहा कि इस अभियान अंतर्गत लगे पौधे जननी और जन्मभूमि के रिश्ते को एक नई पहचान देंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में शामिल होने यहां पहुंचे थे। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय ने भी रुद्राक्ष का पौधा लगाया। वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री और जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने आंवले का पौधा लगाया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मां के साथ रिश्ता अनमोल होता है। जिस प्रकार मां हमे जीवन देती है, हमारा पालन पोषण करती है, वैसे ही प्रकृति भी हमारे लिए जीवनदायिनी है। इसकी सुरक्षा और संवर्धन हमारी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस मुहिम से हम सभी को जुड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान जरूर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने सभी से “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पेड़ लगाने आग्रह किया। साथ ही सभी से पौधों का संरक्षण हेतु संकल्प लेने कहा।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस मानसून में ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करें। अपने घर, आसपास के परिवेश, गांव और शहरों और जंगलों को खूब हरा-भरा बनाएं। इस अवसर पर रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री राधेश्याम राठिया, विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत, विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय, विधायक आरंग गुरु खुशवंत साहेब सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। ऐसे ही गढ़ेंगे विकसित छत्तीसगढ़ का रूप….

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया में आयोजित राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सपत्नीक शामिल हुए। यहां उन्होंने प्रवेशोत्सव पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, इसी बीच स्टाल पर रखे चाक देखकर वह अपने आपको नहीं रोक पाए और उन्होंने कुम्हार की तरह मिट्टी से दीया बनाया।
शाला प्रवेशोत्सव का कार्यक्रम है और मुख्यमंत्री के सामने कुम्हार का चाक है और आसपास ढेर सारे बच्चे। मुख्यमंत्री विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के विजन पर काम कर रहे हैं। विकसित छत्तीसगढ़ को भी अपने विजन के अनुरूप आकार देना है जैसे चाक से दीया तैयार हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर छत्तीसगढ़ में जितनी मेहनत और जतन किये जा रहे हैं उससे निश्चित ही स्वर्णिम भविष्य के लिए ठोस नींव रखी जा रही है
जिस तरह कुम्हार चाक में मिट्टी को आकार देता है, उसी तरह से जन-जन के सपनों के छत्तीसगढ़ को भी आकार मिलेगा। घर से गोबर लाकर लिपाई करते थे स्कूल की, छत की मरम्मत गांव वाले करते थे, अपने स्कूल पहुंचकर पुराने दिनों को याद किया मुख्यमंत्री ने, कहा शिक्षा से बहुत कुछ बदलता है

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