अमेरिका ने जापान के पास भेजी अपनी महाविनाशक परमाणु पनडुब्बी
अमेरिकी नौसेना के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक यूएसएस नेवादा पनडुब्बी पिछले हफ्ते के आखिर में गुआम द्वीप के एक दुर्लभ बंदरगाह पर अचानक पहुंच गई। विश्लेषकों का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने पनडुब्बी जापान के पास भेजकर अपने सहयोगियों और दुश्मनों को एक मैसेज दिया है। ओहियो-क्लास की परमाणु शक्ति वाली पनडुब्बी 20 ट्राइडेंट बैलिस्टिक मिसाइल और दर्जनों परमाणु हथियार के साथ शनिवार को अमेरिकी प्रशांत द्वीप क्षेत्र में यूएस नेवी के बेस पर पहुंची।
इस सबमरीन को ‘बूमर’ भी कहा जाता है। यह बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी की 2016 के बाद से गुआम की पहली यात्रा है। 1980 के बाद से यह इस पनडुब्बी की सिर्फ दूसरी घोषित यात्रा है। अमेरिका नौसेना ने एक बयान में कहा कि बंदरगाह की यात्रा अमेरिका और क्षेत्र में सहयोगियों के बीच आपसी सहयोग को मजबूत करती है। यह अमेरिकी क्षमता, तत्परता और लचीलेपन का प्रदर्शन है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पानी के भीतर 77 दिनों तक रह सकती है पनडुब्बी
अमेरिकी नौसेना के बेड़े में शामिल 14 बूमर्स की गतिविधियों को आमतौर पर गुप्त रखा जाता है। परमाणु ऊर्जा का मतलब है कि ये पनडुब्बी एक बार में महीनों तक पानी में डूबे रह सकती है। पानी के भीतर इनकी क्षमता सिर्फ 150 से अधिक नाविकों के दल की आवश्यक सामग्री की सप्लाई पर निर्भर करती है। नौसेना का कहना है कि ओहियो-क्लास की पनडुब्बियां रखरखाव और पुनःपूर्ति के लिए बंदरगाह पर लगभग एक महीना बिताने के बाद पानी के भीतर औसतन 77 दिन तक रह सकती हैं।