कोरोना की तीसरी लहर के बीच मुंबई के झवेरी बाजार के व्यापारियों की बड़ी पहल

मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर के बीच व्यापारियों ने अपने कारीगरों के लिए सार्थक पहल की है। पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रवासी कारीगरों के पलायन से सबक लेते हुए रोज 200 करोड़ रुपए के काराेबार वाले मुंबई के सोने-चांदी के झवेरी बाजार के व्यापारी अपने कारीगरों को रोकने के लिए उनकी देखभाल में जुट गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता कुमारपाल जैन का कहना है कि कारीगरों को रोकने और उनके दिलों में भय पैदा न हो, इसके लिए उनके रहने और खाने का भी इंतजाम किया जा रहा हैं।

कुछ व्यापारियों ने तो अपने कारीगर और कर्मचारियों के लिए किराये के मकान की भी व्यवस्था कर दी है। झवेरी बाजार में पिछले 10 साल से काम करने वाले 29 साल के तारक सामंता का कहना है कि पिछली बार लॉकडाउन के कारण रोजी का संकट हो गया था। हम दिनभर में लगभग एक हजार रुपए कमा लेते हैं। लॉकडाउन में गांव में खेती का काम करना पड़ा था। वहां रोज सिर्फ 200-250 रुपए ही मिलते थे। घर का खर्चा निकालना मुश्किल हो गया था।

इस बार यदि मुंबई में लॉकडाउन लगा तो हमारे सेठ ने विश्वास दिलाया है कि वे हमारी सारी सुविधा का ध्यान रखेंगे। इतना ही नही पिछले लॉकडाउन का बहुत सा काम अभी पेंडिंग पड़ा हुआ है। काम भरपूर है, इसलिए हम इस बार जल्दबाजी नहीं करेंगे। अभी हमने अपने गांव जाने का काेई प्लान नहीं बनाया है। हम मजदूर हैं। दिनभर के काम के पैसे हमें मिलते हैं। यदि हम अपने-अपने गांवाें को चले जाएंगे तो ऐसे में हमारे घर की आर्थिक जरुरतों को संभालना काफी मुश्किल होगा।

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